तेरे चले जाने से…

हवा बदल सी गयी है

मेरे शहर की
तेरे चले जाने से….
हर शाम छत पर करती थी ठिठोलियां जो ,

जाना ही भूल गयी छत पर

तेरे चले जाने से…
बन _ ठन जाती थी तेरे दीदार के लिए

संवरना भूल जाती है अब
तेरे चले जाने से….
तुझे मिलने की उम्मीद भी धुंधली

पड़ गयी अब तो

तेरे चले जाने से…
रोज चाँद से शिकायत करती है तेरी

शायद तू सुन रहा होगा ये सोच के


तेरे चले जाने से…
वादा किया था तूने ना भुलाने का

पता नही वहाँ तक

मेरी याद पहुंचती भी होगी या नही
तेरे चले जाने से….
जब भी चाहती हूं तुझे भूलना

सपनो में दस्तक दे देते हो

क्या करूँ अब??
तेरे चले जाने से…

Author: Neha Chauhan

Don't talk my jutti 👠 You talk face to face😎

14 thoughts on “तेरे चले जाने से…”

      1. अभार आपका। जो एहसास होता है वही तो हम सब लिखते हैं पर कभी कभी भावनाओं का जहाँ मेल हो जाता है वही बात अच्छी लगने लगती है। है न।

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